मुख्यमंत्री ने 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर किया जारी

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को अपने आवास पर 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन और कृषि प्रदर्शनी के ब्रोशर और पोस्टर का विमोचन किया। यह कृषि महाकुंभ 20 फरवरी से 22 फरवरी 2025 तक गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में आयोजित होगा। इस आयोजन को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी और गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से आयोजित कर रहे हैं।


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सम्मेलन के मुख्य बिंदु

  1. अंतरराष्ट्रीय भागीदारी
    • 50 से अधिक देशों के 4000 से अधिक प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
    • यह सम्मेलन कृषि के क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर केंद्रित होगा।
  2. महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा
    • पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार
    • डिजिटल एग्रीकल्चर
    • जलवायु परिवर्तन और कृषि
    • स्मार्ट लाइवस्टॉक फार्मिंग
    • मधुमक्खी पालन की संभावनाएं
    • गरीबी और कुपोषण से मुक्ति के लिए नए उपाय
    • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विज्ञान में नई खोज।
  3. पैनल चर्चाएं और सेमिनार
    • सम्मेलन के दौरान कृषि विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा।
    • विषयों में युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़ने पर जोर दिया जाएगा।
  4. कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी
    • देश-विदेश के 200 से अधिक संस्थान प्रदर्शनी में भाग लेंगे।
    • यह प्रदर्शनी कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेगी।

सम्मेलन का उद्देश्य

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य:

  • पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार और उत्पादकता को बढ़ावा देना।
  • कृषि के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना।
  • किसानों को नई तकनीकों के बारे में जागरूक करना।
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के उपायों पर चर्चा।
  • गरीबी और कुपोषण को खत्म करने के लिए वैज्ञानिक उपायों की खोज।

प्रमुख उपस्थित अधिकारी

इस अवसर पर निम्नलिखित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे:

  • प्रो. एम. एस. चौहान, कुलपति, गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय।
  • प्रो. दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकॉस्ट।
  • प्रो. अजित सिंह, निदेशक, शोध।
  • डॉ. अनिल कुमार, संयुक्त निदेशक।

17वां कृषि विज्ञान सम्मेलन न केवल कृषि के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देगा बल्कि यह किसानों, वैज्ञानिकों और युवा पेशेवरों के लिए एक बड़ा मंच साबित होगा। यह सम्मेलन भारतीय कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा और इसे वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

यह आयोजन निश्चित रूप से “कृषि का महाकुंभ” साबित होगा।

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