विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए। यह कार्यक्रम न केवल दिव्यांगजनों को प्रेरित करने वाला है, बल्कि समाज को उनके प्रति अपनी सोच बदलने की दिशा में भी प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री की घोषणाएं दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।
मुख्य बिंदु:
- दिव्यांग दक्षता पुरस्कार:
89 दिव्यांगजनों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार प्रदान। - निःशुल्क सेवाएं:
सभी जिलों में स्पेशल कैंप लगाकर निःशुल्क उपकरण और दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क ऑनलाइन आईएएस कोचिंग की व्यवस्था। - दिव्यांगजनों के लिए बहुआयामी सेवाएं:
दिव्यांग पुनर्वास केंद्र, विशेष पेंशन योजनाएं, कृत्रिम अंग सहायता, और स्वरोजगार प्रशिक्षण।
मुख्यमंत्री का संबोधन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 03 दिसंबर 2024 को आयोजित विश्व दिव्यांग दिवस कार्यक्रम में दिव्यांगजनों की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अपनी शारीरिक परिस्थिति को चुनौती मानते हुए अपने आत्मविश्वास, धैर्य, और साहस से समाज को प्रेरित कर रहे हैं।
उन्होंने दिव्यांगजनों को “समाज के प्रेरक नायक” बताते हुए कहा कि उनके प्रयासों से दिव्यांगों के प्रति समाज की सोच और दृष्टिकोण बदला है।
पुरस्कार वितरण कार्यक्रम
स्थान: सुभाष रोड, देहरादून
सम्मानित व्यक्तित्व:
- 25 दक्ष दिव्यांग कर्मचारी
- 32 दक्ष दिव्यांग खिलाड़ी
- 30 स्वतः रोजगाररत दिव्यांगजन
- 2 दिव्यांग सेवायोजक
मुख्यमंत्री की घोषणाएं
- निःशुल्क उपकरण वितरण:
आगामी विश्व दिव्यांग दिवस तक सभी जिलों में स्पेशल कैंप के माध्यम से सभी दिव्यांगजनों को आवश्यक उपकरण प्रदान किए जाएंगे। - निःशुल्क ऑनलाइन आईएएस कोचिंग:
दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था। - विशेष पहचान पत्र:
सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र। - पेंशन योजनाएं:
- दिव्यांगों के लिए ₹1500 प्रतिमाह पेंशन।
- जन्म से दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को ₹700 प्रतिमाह का अनुदान।
- दुर्घटनावश दिव्यांग होने पर ₹1200 प्रतिमाह।
- 4 फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को ₹1200 प्रतिमाह।
- कृत्रिम अंग सहायता:
40% या अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को उपकरण खरीदने हेतु ₹7000 की एकमुश्त सहायता।
दिव्यांगजनों के लिए चल रही योजनाएं
- शिक्षा क्षेत्र:
- कक्षा 1 से 8 तक के दिव्यांग विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति।
- दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों को भी लाभ।
- स्वरोजगार:
- टिहरी, नैनीताल, और पिथौरागढ़ में प्रशिक्षण केंद्र।
- मुफ्त प्रिंटिंग प्रेस, सिलाई-कढ़ाई, और अन्य स्वरोजगार प्रशिक्षण।
- विवाह प्रोत्साहन:
दिव्यांगजन से विवाह करने पर ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि। - पुनर्वास केंद्र:
- प्रत्येक जिले में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र।
- मानसिक रूप से दिव्यांग महिलाओं के लिए “हाफ वे होम”।
- विशेष संस्थान:
- देहरादून में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान।
- ऊधमसिंहनगर में मानसिक पुनर्वास गृह का निर्माण।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 का महत्व
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 लागू किया गया, जिसमें दिव्यांगता के प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 किया गया। इससे दिव्यांगजनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सार्वजनिक भवनों जैसे अस्पताल, बस अड्डे आदि को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाने पर जोर दे रही है।
दिव्यांगजनों को प्रेरित करने वाले विचार
मुख्यमंत्री ने कहा:
“लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”
उन्होंने दिव्यांगजनों के साहस को सराहते हुए कहा कि वे हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का लोहा मनवा रहे हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य
- विधायक: श्री खजान दास, श्री उमेश शर्मा काऊ
- सचिव समाज कल्याण: श्री नीरज खैरवाल
- निदेशक एवं आयुक्त दिव्यांगजन: श्री प्रकाश चंद्र
- अपर सचिव: श्री गौरव कुमार