देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहतर बनाने के लिए धामी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। इस बार की यात्रा को न केवल आध्यात्मिक बल्कि स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से भी और अधिक सशक्त और सुरक्षित बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रमुख सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
1. केदारनाथ और बद्रीनाथ में नए अस्पताल
- केदारनाथ में 17 बेड और बद्रीनाथ में 45 बेड के दो नए अस्पताल खोले जा रहे हैं।
- इन अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती होगी।
- यात्रा मार्ग पर 25 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके।
2. मेडिकल रिलीफ पोस्ट और जांच केंद्रों की स्थापना
- यात्रा मार्ग में 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (MRP) और 31 स्वास्थ्य जांच केंद्र बनाए जा रहे हैं।
- देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी जैसे ट्रांजिट जिलों में 37 स्थायी स्वास्थ्य केंद्रों को और मजबूत किया गया है।
- नई स्क्रीनिंग इकाइयां भी स्थापित की जाएंगी, ताकि तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य स्थिति का सही समय पर आकलन किया जा सके।
3. 154 एम्बुलेंस तैनात, हेलीकॉप्टर और बोट एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध
- यात्रा मार्ग पर 154 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं, जिनमें से 17 एम्बुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट से लैस हैं।
- एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस भी उपलब्ध रहेगी।
- टिहरी झील में बोट एम्बुलेंस की सुविधा भी रहेगी, ताकि कठिनाई में फंसे यात्रियों को त्वरित सहायता मिल सके।
4. आपातकालीन प्रबंधन और सुरक्षा
- पिछले साल यात्रा के दौरान 34,000 से अधिक मेडिकल आपातकालीन मामले सामने आए थे, जिनमें से 1,011 मरीजों को एम्बुलेंस से और 90 मरीजों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया था।
- इस बार फर्स्ट मेडिकल रिस्पॉन्डर (स्वास्थ्य मित्रों) की संख्या बढ़ाई गई है, ताकि प्राथमिक चिकित्सा त्वरित रूप से प्रदान की जा सके।
- यात्रा मार्ग पर आपातकालीन कॉल सेंटर को और मजबूत किया गया है, ताकि जरूरतमंदों को तुरंत सहायता मिल सके।
5. ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल: डिजिटल हेल्थ निगरानी
- ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल को अपग्रेड किया गया है, जिसमें एक इमरजेंसी SOS बटन भी जोड़ा गया है।
- तीर्थयात्री अपनी स्वास्थ्य स्थिति को डिजिटल रूप से मॉनिटर कर सकते हैं और किसी भी आपात स्थिति में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
- प्वाइंट ऑफ केयर टेस्टिंग डिवाइस के माध्यम से तीर्थयात्रियों के 28 महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मापदंडों की जांच की जाएगी।
6. अनिवार्य स्वास्थ्य घोषणा और हाई-रिस्क तीर्थयात्रियों की पहचान
- तीर्थयात्रियों के लिए अनिवार्य स्वास्थ्य घोषणा की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि हाई-रिस्क यात्रियों की पहचान की जा सके।
- यात्रा से पहले सभी तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य की जाएगी।
- होटलों, धर्मशालाओं, खच्चर चालकों और स्थानीय सेवाओं से जुड़े लोगों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में उनका योगदान हो सके।
7. वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन
- केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि मंजूर की गई है।
- गुप्तकाशी में 50 बेड के नए अस्पताल के लिए बजट स्वीकृत किया गया है।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर निवेश कर रही हैं।
स्वास्थ्य सचिव का बयान
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा:
“मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में हम चारधाम यात्रा को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पूरी तरह सुरक्षित और सुविधा संपन्न बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर तीर्थयात्री की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो।”
श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा का वादा
चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए धामी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े सुधार किए हैं। 154 एम्बुलेंस, हेलीकॉप्टर और बोट एम्बुलेंस सेवाएं, डिजिटल हेल्थ पोर्टल और अनिवार्य स्वास्थ्य घोषणा जैसी पहलें इस यात्रा को न केवल आध्यात्मिक बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सुरक्षित बनाती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार का यह प्रयास है कि चारधाम यात्रा 2025 हर श्रद्धालु के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ और स्मरणीय अनुभव बने।