देहरादून पुलिस ने समय पर कार्रवाई करते हुए शहर में दो गुटों के बीच होने वाली गैंगवार की साजिश को विफल कर दिया। एसएसपी देहरादून को मिली गुप्त सूचना के आधार पर गठित पुलिस टीम ने
गुप्त सूचना और रणनीति
एसएसपी देहरादून को जानकारी मिली कि दो गुट अपने वर्चस्व की लड़ाई में गैंगवार की योजना बना रहे हैं। उन्होंने तुरंत एसओजी टीम, थाना बसंत विहार, और थाना क्लेमन्टाउन की संयुक्त टीम बनाई। 27 नवंबर 2024 को सटीक सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया।
बरामदगी और अभियोग
गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 315 बोर की पिस्टल, तीन तमंचे और कारतूस बरामद किए गए। उनके खिलाफ थाना बसंत विहार और थाना क्लेमन्टाउन में अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
गैंगवार की योजना का खुलासा
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके बीच पुरानी रंजिश के चलते यह साजिश रची गई थी। दोनों गुटों ने अवैध हथियार जुटाकर एक-दूसरे पर हमला करने की योजना बनाई थी। अगर यह साजिश सफल होती, तो शहर में गंभीर अपराध हो सकता था।
गिरफ्तार अभियुक्तों की सूची
गैंग A:
- आसिफ मलिक (23 वर्ष) – मयहू वाला माफी, देहरादून
- रितिक पवार (22 वर्ष) – बबूपुर नागली, देवबंद, उत्तर प्रदेश
- आकाश तोमर (22 वर्ष) – साकेत, मेरठ, उत्तर प्रदेश
गैंग B:
- कार्तिक (मूल निवासी: पुट्ठी धनोरा, बागपत, उत्तर प्रदेश)
- हिमांशु (सहारनपुर, उत्तर प्रदेश)
- विराट (मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश)
अपराधिक इतिहास
आरोपियों के खिलाफ पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे शामिल हैं।
पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा
एसएसपी देहरादून ने इस प्रभावी कार्रवाई के लिए टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “देवभूमि की शांति को किसी भी सूरत में खराब नहीं होने दिया जाएगा।”
सफलता का श्रेय पुलिस टीम को
यह कार्रवाई एसओजी टीम और स्थानीय थानों के कुशल समन्वय का परिणाम है। टीम में निरीक्षक शंकर सिंह बिष्ट, थानाध्यक्ष महादेव उनियाल, और अन्य अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई।
देहरादून पुलिस की इस त्वरित और सटीक कार्रवाई ने शहर को एक बड़ी घटना से बचा लिया। इस ऑपरेशन ने न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि अपराधियों को यह कड़ा संदेश भी दिया कि शांति भंग करने के प्रयास किसी भी हालत में सफल नहीं होंगे।