देहरादून, 11 दिसंबर। देहरादून में रियल्टी स्टूडियो कंपनी पर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने और अवैध तरीके से जमीन बेचने के गंभीर आरोप लगे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कंपनी गोल्डन फॉरेस्ट की जमीन पर कब्जा कर उसे मोटी रकम पर बेच रही है।
आरोपों का सारांश
- बिना भू-परिवर्तन और एमडीडीए की स्वीकृति के जमीन बिक्री
- रियल्टी स्टूडियो द्वारा कई प्रोजेक्ट में बिना भू-परिवर्तन (Land Use Change) और एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) की स्वीकृति के जमीन बेचने का आरोप है।
- यह नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान पहुंचा रहा है।
- गोल्डन फॉरेस्ट की जमीन पर कब्जा
- पनाश वैली प्रोजेक्ट के तहत गोल्डन फॉरेस्ट की जमीन को अवैध रूप से कब्जा कर बेचा जा रहा है।
- इन जमीनों को ऊंची कीमतों पर खरीदने वाले लोग भविष्य में कानूनी और प्रशासनिक परेशानियों का सामना करते हैं।
- भू-माफिया का खेल
- जमीन बेचने के बाद भू-माफिया अपनी जिम्मेदारियों से हाथ खींच लेते हैं।
- खरीदारों को जमीन के स्वामित्व और वैधता से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सरकारी राजस्व को नुकसान
रियल्टी स्टूडियो पर आरोप है कि:
- यह कंपनी गैर-स्वीकृत भूमि की बिक्री के जरिए सरकारी राजस्व को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रही है।
- भू-परिवर्तन के बिना जमीन का उपयोग बदलकर कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है।
प्रभावित क्षेत्र: पनाश वैली और अन्य प्रोजेक्ट्स
- पनाश वैली प्रोजेक्ट में कथित तौर पर अवैध तरीके से जमीन का कब्जा और बिक्री की जा रही है।
- इन जमीनों का स्वामित्व स्पष्ट नहीं है, जिससे खरीदारों को भविष्य में कानूनी विवादों का सामना करना पड़ सकता है।
खरीदारों के लिए जोखिम
- कानूनी समस्याएं:
- जमीन की वैधता और स्वामित्व को लेकर विवाद।
- खरीदारों को भूमि के वैध उपयोग और निर्माण की अनुमति नहीं मिलती।
- आर्थिक नुकसान:
- खरीदारों को ऊंची कीमतों पर बेची गई अवैध जमीन के कारण आर्थिक हानि।
- रियल्टी स्टूडियो के एजेंट पैसे लेकर विवादित भूमि बेचकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं।
सरकारी कार्रवाई की जरूरत
यह मामला भू-माफिया और अवैध जमीन बिक्री के खिलाफ प्रशासनिक सख्ती की आवश्यकता को उजागर करता है।
- एमडीडीए और राजस्व विभाग को इन मामलों की जांच करनी चाहिए।
- रियल्टी स्टूडियो के प्रोजेक्ट्स की वैधता और उनके भूमि स्वामित्व दस्तावेजों की गहन जांच होनी चाहिए।
- जरूरत पड़ने पर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
रियल्टी स्टूडियो पर लगे ये आरोप न केवल सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि आम लोगों को भी आर्थिक और कानूनी परेशानियों में डाल रहे हैं।
प्रशासन को भू-माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करते हुए अवैध गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए। इससे खरीदारों का विश्वास बहाल होगा और सरकार का राजस्व भी संरक्षित रहेगा।