प्रशांत सेमवाल के गलत कारनामो का एक और खुलासा विभाग को लगाई लाखो की चपत,SE का मिला है संरक्षण ?

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देहरादून के मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) में तैनात भ्रष्ट एई प्रशांत सेमवाल के खिलाफ लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वीसी साहब की चुप्पी और कार्यवाही से बचने की रणनीति ने प्रशासन की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


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नया मामला: वन भूमि पर ईको रिजॉर्ट पास

ताजा खुलासा यह है कि एई प्रशांत सेमवाल ने नियमों को ताक पर रखते हुए वन भू-उपयोग वाली जमीन पर ईको रिजॉर्ट का नक्शा पास कर दिया। शिकायतकर्ता ने यह मामला सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराया है, जिसमें बताया गया है कि मसूरी रोड स्थित डोम गांव में विजय कुमार मनचंदा की वन भूमि पर ईको रिजॉर्ट का निर्माण नियमों के विरुद्ध हुआ।

फाइल नंबर: C-0061/20-21RE1 से संबंधित इस मामले में कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं:


मामले में अनियमितताएं और आरोप

  1. भू उपयोग परिवर्तन नहीं कराया गया:
    • फाइल में CTCP की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भू उपयोग को कृषि में बदले जाने की आवश्यकता थी।
    • प्रशांत सेमवाल ने भू उपयोग परिवर्तन के बिना ही नक्शा पास कर दिया, जिससे प्राधिकरण को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
  2. वन विभाग के अभिलेख गायब:
    • फाइल में वन विभाग के प्रमाणित अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए।
    • भू उपयोग परिवर्तन के बिना ही नक्शे को पास करना एक गंभीर उल्लंघन है।
  3. ईको रिजॉर्ट नियमों का उल्लंघन:
    • नक्शे में प्रति हेक्टेयर पेड़ों की संख्या को नहीं दर्शाया गया।
    • गंदगी के निस्तारण के लिए STP (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) को नक्शे में शामिल नहीं किया गया।
    • फायर विभाग की NOC भी नहीं ली गई।
  4. रेस्टोरेंट का अवैध निर्माण:
    • ईको रिजॉर्ट नक्शे में दिखाया गया रेस्टोरेंट वास्तव में रोड वाइडनिंग एरिया में स्थित है, जहां निर्माण की अनुमति नहीं है।
    • रेस्टोरेंट व्यवसायिक निर्माण के अंतर्गत आता है, जो इस भू उपयोग में अवैध है।

अन्य गंभीर खुलासे और वीसी की चुप्पी

  1. अधिकारियों की मिलीभगत:
    • सूत्रों के अनुसार, अधीक्षण अभियंता हरिचंद्र सिंह राणा ने प्रशांत सेमवाल को लगातार समर्थन दिया है।
    • सेमवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर जांच हुई तो अधीक्षण अभियंता की मिलीभगत उजागर हो जाएगी।
  2. पुरानी फाइलों का लेखा-जोखा बंद:
    • खुलासों से डरकर प्राधिकरण ने पुरानी फाइलों की जांच और लेखा-जोखा रोक दिया है।
  3. भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें:
    • प्रशांत सेमवाल पर पहले भी कई गलत नक्शे पास करने और राजस्व नुकसान पहुंचाने के आरोप लग चुके हैं।
    • बावजूद इसके, वीसी की निष्क्रियता और संरक्षण से सेमवाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

शिकायतकर्ता और विशेषज्ञों की मांग

  1. उच्चस्तरीय जांच की मांग:
    • शिकायतकर्ता ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
    • भू उपयोग परिवर्तन के बिना नक्शा पास करना प्राधिकरण के नियमों और कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
  2. राजस्व नुकसान की भरपाई:
    • इस अवैध नक्शे के कारण हुए राजस्व नुकसान की भरपाई कर दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।
  3. भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम:
    • ईको रिजॉर्ट प्रकरण सहित अन्य फाइलों की गहन जांच होनी चाहिए।
    • शिकायतकर्ता ने तकनीकी विशेषज्ञों और आर्किटेक्ट्स के समर्थन से इस मामले को उजागर किया है।

जनता और प्रशासनिक उदासीनता

  1. वीसी पर उठे सवाल:
    • वीसी की चुप्पी और कार्रवाई से बचने की कोशिश ने उनकी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
    • जनता अब मांग कर रही है कि प्रशांत सेमवाल और उनके संरक्षकों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।
  2. भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान:
    • जनता और समाजसेवी संगठनों ने प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान तेज करने का ऐलान किया है।

अगला कदम और संभावनाएं

  • यदि सरकार और प्राधिकरण ने जल्द ही कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला राजनीतिक और कानूनी विवाद का रूप ले सकता है।
  • भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए जनता, आर्किटेक्ट्स, और तकनीकी विशेषज्ञों ने मिलकर एक लंबी लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है।

देहरादून के मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का यह मामला सिर्फ प्रशांत सेमवाल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें उच्च अधिकारियों की मिलीभगत भी उजागर हो रही है।

ईको रिजॉर्ट प्रकरण प्राधिकरण की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता की कमी को दिखाता है। यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो इससे न केवल पर्यावरणीय और वित्तीय नुकसान होगा, बल्कि प्रशासन की साख भी प्रभावित होगी।

जनता अब देख रही है कि क्या वीसी साहब इन खुलासों के बाद कार्रवाई करते हैं या इसे भी अन्य मामलों की तरह दबाने की कोशिश की जाएगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में समाज की भागीदारी और जागरूकता ही इसे खत्म करने में मदद कर सकती है।

काले करतूतों की पूरी सीरीज नीचे आप देख सकते है रोज एक खुलासे के साथ 

एक और खुलासा ,अवैध उगाही से हो रहे है मालामाल ?,एमडीडीए के एई प्रशांत सेमवाल

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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