Uttarakhand Cloudburst: आपदा से पहले बचाव के लिए वैज्ञानिकों की समिति गठित, एक सप्ताह में देगी रिपोर्ट

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रिपोर्ट: आकाश

 

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उत्तरकाशी के धराली, हर्षिल की आपदा के बाद सरकार अब आपदा से पहले बचाव की तैयारियों पर फोकस बढ़ाएगी। सचिव आईटी नितेश झा ने इसके लिए वैज्ञानिकों की समिति गठित की है, जिसमें आईआईआरएस-इसरो, वाडिया, मौसम विज्ञान विभाग समेत कई संस्थानों के वैज्ञानिकों को शामिल किया गया है।

 

 

धराली आपदा के बाद से सरकार और वैज्ञानिक चिंतित हैं। इन चिंताओं का समाधान निकालने पर काम किया जा रहा है। सचिव आईटी एवं शहरी विकास नितेश झा ने इस संबंध में बैठक बुलाई, जिसमें कई संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल हुए। उन्होंने उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, जो एक सप्ताह में उन्हें अपनी रिपोर्ट देगी।

 

 

वैज्ञानिकों की यह समिति आपदा से पहले की तैयारियों, आपदा के पूर्वानुमान के मजबूत तंत्र और आपदा के बाद समाधान पर फोकस करेगी। समिति यह भी देखगी कि सैटेलाइट आधारित तकनीकों से कैसे उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों के ग्लेशियरों में बनने वाली झीलों की निगरानी की जा सकती है।

 

आपदा के बाद संचार तंत्र मजबूत करने पर भी जोर

 

आपदा के बाद सबसे ज्यादा मुश्किलें संचार तंत्र ध्वस्त होने से होती हैं। धराली में भी संचार तंत्र अब तक सुचारु नहीं हो पाया। लिहाजा, यह समिति देखेगी कि आपदाग्रस्त इलाकों में बेहतर संचार तंत्र कैसे विकसित किया जाए, जिससे आपदा में भी संचार बना रहे। ये भी देखा जाएगा कि ड्रोन आधारित तकनीकी से कैसे आपदा पूर्व बचाव किया जा सकता है

 

 

सभी संस्थान मिलकर काम करेंगे

 

प्रदेश में आपदा से पूर्व के बचाव कार्यों में राज्य व केंद्र के सभी वैज्ञानिक संस्थान काम करेंगे। इसके लिए इसरो, वाडिया, एनडीएमए, आईआईटी रुड़की समेत विभिन्न संस्थानों को जोड़ा जा रहा है। आने वाले समय में इसके नतीजे सामने आएंगे।

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