सम्भल जिले में तथाकथित पत्रकारों की बाढ़ सी आ गई है, फर्जी आईडी लेकर लोगों को धमकाना इनका शगल बन गया है। सम्मानित पत्रकारों को ऐसे तथाकथित पत्रकारों के रवैया से ठेस पहुंच रही है। मान मर्यादा और पत्रकारिता के नियम कायदे कानूनों को ताक पर रखकर केवल घर से धन उगाही करने के लिए निकलते हैं। इन्हें जनता की मूलभूत समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। ऐसे लोग केवल डॉक्टरों, सट्टा माफियाओं, शिक्षा माफियाओं, खनन, जुआ कहां हो रहा है और कौन लोग कर रहे हैं। केवल धन उगाही की न्यूज़ से मतलब भर रह गया है।
इन कार्यों में लिप्त ऐसे तथाकथित पत्रकारों पर जिले में कई मुकदमें दर्ज हो चुके हैं और कई जेल में है जबकि कई लोग जिला बदर है, और सब यह अपने कार्यकलापों को लेकर कार्यवाही का दंश झेल रहे हैं। ऐसे ही एक तथाकथित पत्रकार मेराज उल इस्लाम संभल जिले के नखासा थाने के गांव सलारपुर कला में अवैध खनन की सूचना पर पहुंचा। जहां खनन माफियाओं ने उसे दौड़ा लिया और फावड़े से हमला करने का प्रयास किया। इस व्यक्ति को शर्म नहीं आई, अपनी खुद वीडियो बनाकर अब पुलिस से सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगा रहा है। मेराज उल इस्लाम के तथाकथित साथी भी शक के घेरे में है जो इस तरह के अवैध कार्यों में आज तक लिप्त है। सम्मानित पत्रकारों को इनके इस कार्य से ठेस पहुंच रही है।
बता दें कि तथाकथित पत्रकार मेराज उल इस्लाम इससे पहले मोहल्ला नाला स्थित एक क्लीनिक पर बवाल करने गया था। जहां इसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई थी। खान क्लीनिक पर तैनात डॉक्टर के खिलाफ भी धन उगाही के मामले में काफी छीछालेदर हुई थी। दो माह पूर्व कैला देवी क्षेत्र में एक लाल बत्ती लगी हुई गाड़ी में सवार होकर खनन पर पहुंचा था जहां लोगों ने पकड़ कर इसकी पिटाई की थी। जहां लोगों ने इसकी माफी नामे की वीडियो बनाकर वायरल की थी, लेकिन मेराज उल इस्लाम पर जरा भी फर्क नहीं पड़ा। फर्क उसी पर पड़ता है जिसको अपनी मान मर्यादा और इज्जत प्यारी होती है लेकिन यह आदमी अपनी इज्जत खुद खाक में मिलाने पर उतारू है। ऐसे लोगों को कहां से पत्रकार कहेंगे आप।