दीपावली में पटाखें फोड़ने पर आंख की रोशनी गई, दून में पटाखों से घायलों की संख्या ने चौंकाया

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रिपोर्ट: आकाश

 

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दीपावली का पर्व समाप्त हो गया है लेकिन इस बार देहरादून में लापरवाही से पटाखें फोड़ने से जहां एक व्यक्ति की एक आँख की रोशनी पूरी तरह चली गई। बार बार डॉक्टर्स और प्रशासन के अनुरोध को भी लोगो ने नहीं माना जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा और बड़ी संख्या में पटाखों दे झुलसे लोग अस्पताल पहुंचे।दून अस्पताल के इमर्जेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ अमित ने बताया कि 20 अक्टूबर की सुबह 8 बजे से 21 अक्टूबर सुबह 8 बजे तक अकेले दून अस्पताल की इमर्जेंसी में पटाखों से जलने के आंकड़ों ने चौंका दिया इन 24 घंटों में दून की इमर्जेंसी में पटाखों से जलने के 54 मामले सामने आए वहीं दून की ओपीडी में एक मामला ऐसा देखने को मिला जिसकी पटाखा जलाने से एक आँख की रोशनी ही चली गई।

आपको बता दे कि सहस्त्रधारा रोड पर दरभंगा बिहार का एक व्यक्ति जिसकी उम्र 26 साल है उसके दोस्त ने जैसे ही पटाखा जलाया तो उसकी आंख में पटाखे की पूरी चिंगारी गई जिसके चलते उस व्यक्ति की एक आँख की रोशनी चली गई। दून अस्पताल के नेत्र विभाग के यूनिट हेड डॉ सुशील ओझा ने बताया कि युवक की पलकें, पुतली, पर्दा और ऊतक सब फट गया है जिसकी सर्जरी 3 घंटे तक चली आगे भी अभी कई और ऑपरेशन करने पड़ेंगे।

आपको बता दे कि दिवाली से पहले ही डॉक्टर्स ने पटाखे फोड़ते हुए एहतियात बरतने के लिए कई संदेश दिए थे जिसमें कहा गया था कि पटाखा फोड़ते समय बच्चों के साथ बड़ों का होना बहुत जरूरी है इसके साथ साथ कम से कम 8 फीट की दूरी बनाकर पटाखे फोड़े जाए साथ ही चश्मे का इस्तेमाल भी करना चाहिए लेकिन बहुत लोगों ने ऐसा नहीं किया जिसके चलते ये हादसे हुए है।

इसके साथ ही दीपावाली के पटाखों के फोड़ने से खूब प्रदूषण हुआ जिसमें लोगों को सांस लेने दिक्कत हुई दून अस्पताल की इमर्जेंसी में 345 लोग ऐसे आए जिनमें प्रदूषण के चलते सांस लेने में दिक्कत हुई वही इसी दौरान लड़ाई झगड़ों के 26 मामले आए थे साथ ही उस दिन सड़क हादसों का शिकार हुए 46 मामले आए थे वहीं 35 लोगों को अलग अलग बीमारी के चलते भर्ती किया गया था

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