रिपोर्ट: आकाश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिवाली पर स्थानीय कुम्हारों से मुलाकात की। इसके साथ ही स्वदेशी मुहिम को नई गति दी। चकराता रोड पर स्थित कुम्हारों की दुकानों का दौरा करते हुए उन्होंने मिट्टी के पारंपरिक दीये खरीदे और दुकानदारों से उनकी समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “स्थानीय कुम्हारों ने मिट्टी के अच्छे दीये, मूर्तियां, अन्य सजावटी सामान और पूजा सामग्री बनाई है। ये स्वदेशी वस्तुएं हैं। जो पर्यावरण अनुकूल और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। इस बार खूब खरीदारी हुई है। मैंने यहां दुकानदारों से बातचीत की। उन्होंने मुझे बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में उनकी बिक्री ज़्यादा रही
प्रधानमंत्री ने स्वदेशी का आह्वान किया है, इससे सभी लोग प्रसन्न और उत्साहित हैं। पूरे देश में और यहां तक कि उत्तराखंड में भी लोगों ने स्वदेशी वस्तुएं खरीदी हैं। जीएसटी में छूट के कारण, इस दिवाली लोगों ने खूब खरीदारी की है। पूरे देश और उत्तराखंड में भी मिट्टी के दीयों की भारी मांग रही।
दिवाली पर चीनी सामान के बजाय देसी उत्पादों ने बाजार पर कब्जा जमाया,” धामी ने जोर देकर कहा कि यह पहल उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कुम्हार समुदाय, जो सदियों से मिट्टी को कला के रूप में ढालता आ रहा है, अक्सर बाजार की मार झेलता रहा।
सीएम का दौरा कारीगरों के मनोबल को बढ़ाने वाला साबित हुआ। उन्होंने खरीदारी कर न केवल व्यक्तिगत समर्थन दिया, बल्कि अन्य नागरिकों को भी प्रेरित किया। धामी ने जोर दिया कि स्वदेशी से न केवल स्थानीय रोजगार बढ़ता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी होता है। प्लास्टिक के बजाय मिट्टी के दीये जलाने से प्रदूषण कम होता है।
