कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज अपने कैंप कार्यालय में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने उर्वरकों के न्यूनतम उपयोग, उनकी गुणवत्ता की निगरानी, और मिलेट्स (श्री अन्न) तथा अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि पर विशेष जोर दिया।
उर्वरकों के उपयोग पर नियंत्रण के निर्देश
कृषि मंत्री ने उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के संभावित कारणों की जांच करने और इनका न्यूनतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिए:
- गुणवत्ता की नियमित जांच:
प्रत्येक जनपद में उर्वरकों के नमूनों का प्रयोगशालाओं में परीक्षण हर महीने सुनिश्चित किया जाए। - किसानों को जागरूक करना:
उर्वरकों के अति उपयोग से होने वाले नुकसान और जैविक विकल्पों के लाभों के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए नवाचार, गोष्ठियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। - निगरानी की मजबूती:
उर्वरकों की गुणवत्ता और उपयोग पर जनपदवार मासिक मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।
मिलेट्स और अन्य फसलों पर विशेष जोर
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 2023 को “अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष” घोषित किए जाने के बाद राज्य में इन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा:
- मिलेट्स के उत्पादन को प्राथमिकता:
किसानों को मिलेट्स जैसी फसलों की खेती के लाभ समझाने और इन्हें अधिक उपजाऊ बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करने पर जोर दिया गया। - उत्पादन की मार्केटिंग:
किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक मजबूत विपणन रणनीति तैयार की जाए। - बाजार तक पहुंच:
कृषकों की उपज को स्थानीय और बाहरी बाजारों तक पहुंचाने के लिए ठोस योजनाएं बनाई जाएं।
मंत्रालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि उर्वरकों की गुणवत्ता पर आधारित रिपोर्ट हर महीने मंत्रालय में प्रस्तुत की जाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन रिपोर्टों में किसानों के फीडबैक को शामिल किया जाए।
कृषि में नवाचार और रणनीति
कृषि क्षेत्र को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए मंत्री ने विभाग को निम्नलिखित सुझाव दिए:
- नई तकनीकों का उपयोग:
किसानों को ड्रोन, मिट्टी परीक्षण किट, और आधुनिक कृषि उपकरणों के उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। - जलवायु-समर्थित फसलें:
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए फसलों का चयन और उत्पादन किया जाए। - जैविक खेती को बढ़ावा:
जैविक खादों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर खेती के स्थायी तरीकों को प्रोत्साहित किया जाए।
अधिकारियों की उपस्थिति
इस बैठक में सचिव कृषि एसएन पांडे, अपर सचिव मनुज गोयल, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, निदेशक कृषि केसी पाठक समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने और राज्य में कृषि उत्पादन को सुदृढ़ करने के लिए कई ठोस कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मिलेट्स और अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि, किसानों के लिए बाजार पहुंच का विस्तार, और उर्वरकों के नियंत्रित उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन प्रयासों से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की कृषि को नई दिशा भी मिलेगी।