गणेश जोशी ने अधीनस्थ कृषि सेवा संघ के अधिवेशन में किया प्रतिभाग

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उत्तराखण्ड में कृषि के क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को रिंग रोड स्थित किसान भवन में आयोजित अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तराखण्ड के सप्तम द्विवार्षिक प्रांतीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। दो दिवसीय इस अधिवेशन का उद्घाटन मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।

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“अधिकारियों और कर्मचारियों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण”

अधिवेशन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों और कर्मचारियों के महत्त्व को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “किसी भी विभाग की रीढ़ अधिकारी और कर्मचारी होते हैं। जब वे जनहित में प्रभावी कार्य करते हैं, तो इससे न केवल सरकार का बल्कि जनता का विश्वास भी बढ़ता है।”

मंत्री ने अधिकारियों को यह भी बताया कि वे सरकार और आम जनता के बीच एक पुल का काम करते हैं। “केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर अधिकारी सरकार और आम जनमानस के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं,” मंत्री ने कहा। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्ठा और समर्पण को सराहा और उन्हें नये साल की अग्रिम शुभकामनाएं दी।

सरकार की योजनाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता

कृषि मंत्री ने अधीनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तराखण्ड द्वारा प्रस्तुत 06 सूत्रीय मांग पत्र पर भी बात की और आश्वासन दिया कि इन पर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “हम सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करेंगे और जिन समस्याओं का समाधान संभव होगा, उन्हें शीघ्र हल किया जाएगा।”

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मंत्री ने सभी अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की कि वे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कार्यों को अंजाम दें, ताकि उत्तराखण्ड में कृषि क्षेत्र की स्थिति और अधिक सशक्त हो सके।

उपस्थित अधिकारी और पदाधिकारी

इस अवसर पर कृषि उप निदेशक अजय वर्मा, एमडी जैविक बोर्ड विनय कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह राणा, अधीनस्थ कृषि सेवा संघ के अध्यक्ष डी.एस. अग्रवाल, महामंत्री के.एस. मनोला, संरक्षक सी.एस. असवाल, पी.पी. सैनी, मनोज गुसाईं, विनोद पटवाल, विजय शर्मा और प्रदेश के समस्त जनपदीय अध्यक्ष एवं संगठन के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

मंत्री के संबोधन ने कृषि सेवा के महत्त्व को उजागर किया और अधिकारी-कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारी और कार्यों की अहमियत समझाई। इस आयोजन ने यह भी साबित किया कि कृषि क्षेत्र के सुधार और विकास के लिए सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच निरंतर संवाद और सहयोग आवश्यक है।

 

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