देहरादून- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार देर रात आई.एस.बी.टी, देहरादून में बेसहारा और बेघर लोगों के लिए राहत कार्य के तहत कंबल वितरित किए। इस पहल का उद्देश्य ठंड के मौसम में मलिन बस्तियों और सड़कों पर रहने वाले जरूरतमंद लोगों को सर्दी से बचाव प्रदान करना था।
रैन बसेरों का औचक निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट नगर आई.एस.बी.टी स्थित रैन बसेरों का औचक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने रैन बसेरों में ठहरे लोगों से बातचीत कर उनका कुशलक्षेम जाना और उनकी समस्याओं को सुनने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति ठंड से प्रभावित न हो। रैन बसेरों में ठहरे लोगों की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है, और सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है।”
जरूरतमंदों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता
इस कंबल वितरण कार्यक्रम और निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रैन बसेरों की साफ-सफाई, गर्म कपड़ों की उपलब्धता, भोजन, और स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।
सर्दी में सुरक्षा के प्रयास
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ठंड के इस मौसम में हर संभव प्रयास कर रही है ताकि कोई भी व्यक्ति सर्दी से परेशान न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सार्वजनिक स्थानों और मलिन बस्तियों में अधिक कंबल और गर्म कपड़े वितरित किए जाएं।
जनता के लिए संदेश
मुख्यमंत्री ने समाज के अन्य सक्षम वर्गों से भी अपील की कि वे जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा, “यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि समाज में सबसे कमजोर और जरूरतमंद लोगों की सहायता करें।”
अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि रैन बसेरों में हर प्रकार की बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि ठंड के इस मौसम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने की सराहना
मुख्यमंत्री धामी के इस प्रयास को जनता ने सराहा। आई.एस.बी.टी क्षेत्र में मौजूद लोगों ने मुख्यमंत्री की इस पहल को “संवेदनशील नेतृत्व का प्रतीक” बताया।
सरकार का विजन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी सरकार हर नागरिक के लिए जिम्मेदार है, और ऐसे प्रयासों से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे।
इस कार्यक्रम ने न केवल बेसहारा और बेघर लोगों को राहत दी, बल्कि मुख्यमंत्री के समाज के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण को भी उजागर किया।