हरिद्वार – राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार में मंगलवार को आयोजित व्हाइट कोट सेरेमनी के दौरान प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कॉलेज के पहले बैच के 100 छात्रों को चरक शपथ दिलाई और उन्हें व्हाइट कोट पहनाकर डॉक्टर बनने की दिशा में उनके सफर का शुभारंभ किया। इस आयोजन में छात्रों के चेहरों पर गर्व और उत्साह स्पष्ट झलक रहा था।
चरक शपथ: छात्रों की जिम्मेदारी
डॉ. धन सिंह रावत ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि चरक शपथ केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह डॉक्टर बनने के मार्ग पर उनकी जिम्मेदारी को और अधिक बढ़ा देती है। उन्होंने कहा, “आप इस मेडिकल कॉलेज के पहले बैच का हिस्सा हैं, और इस कॉलेज की प्रतिष्ठा और छवि को स्थापित करना अब आपकी जिम्मेदारी है।”
मंत्री ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि पढ़ाई के दौरान किसी प्रकार के संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ई-लाइब्रेरी, खेलकूद की सुविधाएं, और आधुनिक उपकरणों से लैस कॉलेज का वातावरण छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए तैयार किया गया है।
उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा का विकास
डॉ. धन सिंह रावत ने कॉलेज की स्थापना की कठिन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “केंद्र सरकार के सहयोग से यह मेडिकल कॉलेज बेहद कम समय में शुरू किया गया है।” उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा जो हर साल 1200 डॉक्टर तैयार करेगा। यह राज्य केवल अपनी चिकित्सा आवश्यकताओं को ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों की जरूरतों को भी पूरा करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 82 प्रतिशत डॉक्टर उपलब्ध हैं, और बाकी रिक्त पदों को जल्द ही भरा जाएगा। उन्होंने बताया कि हर 15 दिन में इंटरव्यू आयोजित किए जा रहे हैं ताकि फैकल्टी की कमी पूरी की जा सके।
2027 तक डॉक्टरों की पूर्ण उपलब्धता का लक्ष्य
डॉ. रावत ने आश्वस्त किया कि उत्तराखंड में 2027 तक 100 प्रतिशत डॉक्टर उपलब्ध होंगे। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने देश में सबसे अधिक वेतन देने की व्यवस्था की है। उन्होंने यह भी बताया कि पहाड़ी और दूरस्थ इलाकों में काम करने वाले डॉक्टरों को उनके वेतन का 50 प्रतिशत अधिक भुगतान किया जाएगा।
नई मेडिकल कॉलेजों की योजना
मंत्री ने घोषणा की कि:
- रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज वर्ष 2025-26 में शुरू हो जाएगा।
- पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज वर्ष 2026-27 तक कार्यशील हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत चिकित्सा शिक्षा का दायरा बढ़ाया जाएगा और छात्रों को बेहतर अवसर मिलेंगे।
समाजसेवा का प्रावधान
डॉ. रावत ने बताया कि जो भी छात्र यहां से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करेगा, उसे कम से कम पांच परिवारों को गोद लेना होगा। इस कदम का उद्देश्य छात्रों को जमीनी स्तर पर काम करने के लिए प्रेरित करना और उन्हें समाज के प्रति संवेदनशील बनाना है।
मेडिकल कॉलेज में एसओपी लागू करने की योजना
मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह एसओपी न केवल छात्रों के लिए बल्कि भर्ती मरीजों और कर्मचारियों के लिए भी बनाई जाएगी, ताकि आने वाले समय में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोग
इस मौके पर रानीपुर विधायक आदेश चौहान, प्रिंसिपल डॉ. रंगील सिंह, एडिशनल सेक्रेटरी नमामि बंसल, जिलाध्यक्ष संदीप गोयल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। विधायक आदेश चौहान ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना की कठिनाइयों और केंद्र सरकार के योगदान पर चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की सराहना की।
छात्रों और अभिभावकों के लिए गौरव का दिन
व्हाइट कोट सेरेमनी और चरक शपथ के साथ, छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए यह दिन गर्व और प्रेरणा से भरा रहा। डॉ. धन सिंह रावत के प्रेरणादायक संबोधन ने छात्रों को एक नए जोश और जिम्मेदारी का एहसास कराया।
डॉ. रावत ने यह विश्वास दिलाया कि यह कॉलेज न केवल चिकित्सा शिक्षा का केंद्र बनेगा बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले डॉक्टरों का निर्माण भी करेगा।