उत्तराखंड में शराब नीति को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना द्वारा भाजपा सरकार पर लगाए गए गंभीर आरोपों को दर्शाता है। उनके मुताबिक, भाजपा सरकार ने प्रदेश को “पर्यटन प्रदेश” के बजाय “मदिरा प्रदेश” में तब्दील कर दिया है।
मुख्य आरोप:
- ओवर रेटिंग और अवैध वसूली:
शराब की दुकानों पर ग्राहकों से निर्धारित दामों से अधिक कीमत वसूली जा रही है, जिससे हर महीने 25 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हो रही है। - अवैध हस्तक्षेप:
श्री धस्माना ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश से एक शराब माफिया, जिसे भाजपा नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, पूरे आबकारी विभाग पर नियंत्रण कर रहा है। यह माफिया अधिकारियों की तैनाती से लेकर नीतियों को प्रभावित करने तक का काम कर रहा है। - शराब दुकानों की बढ़ती संख्या:
देहरादून में 65 नई विदेशी शराब की दुकानें खोली जा चुकी हैं और 50 और खोलने की तैयारी है। यह शराब माफिया लाइसेंस फीस के अतिरिक्त रिश्वत भी वसूल रहा है। - प्रदेश में शराब की खपत:
हर महीने लाखों पेटियां देसी शराब, अंग्रेजी शराब और बीयर की खपत होती है। यह प्रदेश के युवाओं को प्रभावित कर रहा है। - कांग्रेस की मांग:
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शराब की ओवर रेटिंग पर रोक लगाई जाए और आबकारी विभाग पर अवैध हस्तक्षेप करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह बयान भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ एक बड़ा राजनीतिक हमला है। कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। यदि इन आरोपों में सच्चाई है, तो यह सरकार की साख को प्रभावित कर सकता है। वहीं, भाजपा को इस पर सफाई देकर जवाबी कार्रवाई करनी होगी।