उत्तराखंड में जल आपूर्ति योजनाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने विशेष जोर देते हुए कहा कि सोशल ऑडिट में स्थानीय महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। सचिवालय में आयोजित उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम की 11वीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) की बैठक में उन्होंने जल जीवन मिशन की प्रगति और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए।
महिलाओं की भागीदारी और उपभोक्ता संतुष्टि पर जोर
मुख्य सचिव ने कहा कि जल आपूर्ति योजनाओं की सफलता के लिए स्थानीय महिलाओं का फीडबैक बेहद अहम है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपभोक्ताओं की संतुष्टि को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए। शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के साथ ही इसे 48 घंटे के भीतर समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं की गुणवत्ता और सेवा में सुधार के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाया जाए और सभी प्रदर्शन संकेतकों को यूजर फ्रेंडली डैशबोर्ड पर रिकॉर्ड किया जाए।
जल जीवन मिशन के लिए समयसीमा विस्तार की पहल
बैठक में, श्रीमती रतूड़ी ने सचिव पेयजल को निर्देश दिया कि जल जीवन मिशन की समयसीमा बढ़ाने के लिए भारत सरकार को तत्काल पत्र भेजा जाए। उन्होंने कहा कि अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति की अबाधित और गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम की उपलब्धियां
975 करोड़ रुपये लागत वाली विश्व बैंक सहायता प्राप्त जल आपूर्ति परियोजना के तहत देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल, और उधम सिंह नगर के 22 अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में 16 घंटे अबाधित जल आपूर्ति की जा रही है।
- 106,202 जल कनेक्शन के माध्यम से बड़ी आबादी लाभान्वित हो रही है।
- सभी योजनाएं पूरी हो चुकी हैं, और विश्व बैंक ने परियोजना पर संतोष व्यक्त किया है।
प्रशासनिक और वित्तीय अनुमोदन
मुख्य सचिव ने परियोजना से संबंधित निम्नलिखित विषयों पर मंजूरी दी:
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म की समयसीमा विस्तार।
- पर्यावरण ऑडिट और प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति।
- मोहोलिया और उमरूखुर्द जल आपूर्ति योजनाओं के लिए समयसीमा विस्तार।
- Implementation Completion and Result Report (ICR) के लिए कंसल्टेंसी सेवाओं की नियुक्ति।
अबाध जलापूर्ति और सेवा में सुधार
श्रीमती रतूड़ी ने संबंधित इंजीनियरों को निर्देश दिया कि सर्विस गैप की स्थिति में एसएमएस अलर्ट सिस्टम के माध्यम से सतर्क रहें। यह व्यवस्था शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करेगी और उपभोक्ता संतुष्टि को बढ़ाने में मददगार होगी।
उपस्थित अधिकारीगण
बैठक में सचिव श्री दिलीप जावलकर, श्री शैलेश बगौली, और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्य सचिव के नेतृत्व में पेयजल योजनाओं में सुधार और उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ाने के लिए यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है।