देहरादून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को डाट काली मंदिर के समीप निर्माणाधीन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से निर्माण कार्यों में उपयोग की जा रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को उत्तराखंड के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
परियोजना की प्रगति और विशेषताएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अपने अंतिम चरण में है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का समय घटकर केवल 2 से 2.5 घंटे रह जाएगा। उन्होंने बताया कि यह परियोजना चारधाम यात्रा को अधिक सुगम बनाने के साथ-साथ स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री का आभार
मुख्यमंत्री ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड की आर्थिक उन्नति और पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
पर्यावरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर का संतुलन
एक्सप्रेसवे के निर्माण में इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच संतुलन बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया है। परियोजना में एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया गया है। यह वन्यजीवों की सुरक्षा और उनकी आवाजाही के लिए पूर्णतः सुरक्षित और मुक्त मार्ग प्रदान करेगा।
राज्य की आर्थिकी को मिलेगा बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एक्सप्रेसवे से न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि व्यावसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना राज्य में पयर्टन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को मजबूत करते हुए स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी।
स्थानीय समुदाय और यात्री होंगे लाभान्वित
एक्सप्रेसवे के पूरा होने से न केवल उत्तराखंड के निवासियों को फायदा होगा, बल्कि चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को उत्तराखंड के विकास और आधुनिकता की ओर बढ़ने का प्रतीक बताया।
यह परियोजना राज्य की समृद्धि, प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।