अंशुल सिंह के नेतृत्व में HRDA में बदलाव की नई बयार

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हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) ने उपाध्यक्ष अंशुल सिंह के नेतृत्व में नई गति और दिशा प्राप्त की है। उनके कार्यकाल में प्राधिकरण ने विकास, पर्यावरण संतुलन, पारदर्शिता, और नागरिकों की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया है। आइए, उनके प्रयासों से हुई प्रगति को विस्तार से समझते हैं।

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विकास और पर्यावरण का संतुलन

अंशुल सिंह ने विकास कार्यों को पर्यावरणीय संतुलन के साथ लागू करने पर जोर दिया है। उनके नेतृत्व में हरिद्वार और रुड़की में सड़कों, जलापूर्ति, और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को अपग्रेड किया गया है। उन्होंने सुनिश्चित किया कि योजनाओं का क्रियान्वयन पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान पहुंचाए।

प्रमुख सुधार:

  1. हर की पौड़ी कॉरिडोर परियोजना:
    • काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से प्रेरित इस परियोजना में हर की पौड़ी क्षेत्र का पुनर्विकास किया जा रहा है।
    • अनुमानित लागत: ₹3000 करोड़।
    • श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं और बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी।
  2. शहर के चौराहों का सौंदर्यीकरण:
    • रोशनाबाद और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों को सजाने और व्यवस्थित करने पर ध्यान दिया गया है।

प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता

प्राधिकरण के प्रशासनिक ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए अंशुल सिंह ने कई सुधार किए हैं। डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाकर योजनाओं की निगरानी और नागरिक शिकायतों के समाधान में सुधार हुआ है।

प्रमुख पहल:

  • ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जनता से संवाद।
  • शिकायत निवारण प्रक्रिया में तेजी।
  • कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग।

जनता की भागीदारी

अंशुल सिंह ने नागरिकों को योजनाओं में शामिल कर उनकी आवश्यकता और सुझावों को प्राथमिकता दी। इससे योजनाओं को बेहतर और व्यवहारिक रूप दिया जा सका।

जनसहयोग के माध्यम से पहलें:

  • योजनाओं की डिजाइन और कार्यान्वयन में नागरिकों की राय शामिल की गई।
  • लोकल वर्कशॉप और मीटिंग्स आयोजित की गईं।

प्रमुख परियोजनाएं और उपलब्धियां

1. स्पोर्ट्स विलेज का निर्माण:

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  • स्थान: भल्ला इंटर कॉलेज स्टेडियम के सामने।
  • सुविधाएं: जिम, योगा क्लासेस, लॉन टेनिस कोर्ट, कैफेटेरिया।
  • लाभ: खिलाड़ियों और स्थानीय नागरिकों के लिए आधुनिक सुविधाएं।

2. अवैध निर्माण पर कार्रवाई:

  • श्यामपुर और नजीबाबाद रोड के आठ बड़े अवैध निर्माण सील किए गए।
  • शहर की योजना और सौंदर्यीकरण में सुधार।

3. वृद्धाश्रम का निर्माण:

  • स्थान: रोशनाबाद।
  • उद्देश्य: वरिष्ठ नागरिकों को आरामदायक जीवन के लिए आवश्यक सुविधाएं।

4. जलापूर्ति और जल निकासी प्रबंधन:

  • आधुनिक तकनीकों के उपयोग से पानी की आपूर्ति और जल निकासी सिस्टम को उन्नत किया गया।

HRDA की विकास यात्रा में नवाचार

अंशुल सिंह ने तकनीकी नवाचारों को प्राथमिकता दी है। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और टिकाऊ विकास के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।

तकनीकी पहलें:

  • GIS आधारित शहरी योजना।
  • सौर ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी का समावेश।

अंशुल सिंह का दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाएं

अंशुल सिंह का उद्देश्य हरिद्वार और रुड़की को एक आदर्श नगर बनाना है। उनका ध्यान न केवल शहरी विकास पर है, बल्कि शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने पर भी है।

भविष्य की योजनाएं:

  1. स्वच्छता अभियान और कचरा प्रबंधन।
  2. ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान।
  3. सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का विस्तार।
  4. हरित क्षेत्र विकसित करना।

अंशुल सिंह के नेतृत्व में हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण ने न केवल तेज और प्रभावी विकास किया है, बल्कि एक स्थायी और समावेशी दृष्टिकोण को अपनाया है। उनकी दूरदर्शिता और समर्पण हरिद्वार और रुड़की को एक बेहतर स्थान बनाने की दिशा में प्रेरणा का स्रोत है।

 

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