उत्तराखंड का जलवा: प्रगति मैदान में चमके हथकरघा, हस्तशिल्प और स्टार्टअप
उत्तराखंड IITF 2024: हथकरघा, हस्तशिल्प और स्टार्टअप ने मोहा मन
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF)-2024 में उत्तराखंड ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। “विकसित भारत@2047” थीम पर आधारित इस मेले में उत्तराखंड पैवेलियन (हॉल नंबर 04) आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आज, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्षा श्रीमती ऋतु खंडूरी और पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने पैवेलियन का दौरा किया और राज्य के उत्पादों की सराहना की।
उत्तराखंड पैवेलियन में राज्य के स्टार्टअप्स, हथकरघा, हस्तशिल्प और लघु उद्यमों के उत्पादों की विविध रेंज प्रदर्शित की गई है। विभिन्न विभागीय स्टॉलों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। हिमाद्री इम्पोरियम, देहरादून; उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद, देहरादून; उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, देहरादून; और उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद, देहरादून – सभी ने अपने-अपने उत्पादों को प्रदर्शित करके राज्य की समृद्ध कला, संस्कृति और उद्योगों को प्रदर्शित किया।
श्रीमती खंडूरी और श्री महाराज ने पैवेलियन में प्रदर्शित उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह मेला उत्तराखंड के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है, जिससे राज्य के आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। उन्होंने स्टार्टअप्स को विशेष रूप से सराहा और उनके उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
इस वर्ष के IITF में झारखंड फोकस राज्य है, जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश भागीदार राज्यों के रूप में प्रतिभाग कर रहे हैं। हालांकि, उत्तराखंड पैवेलियन अपनी अनूठी पहचान और प्रदर्शित उत्पादों की गुणवत्ता के कारण दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। हथकरघा से लेकर जैविक उत्पादों तक, उत्तराखंड ने अपने विविधतापूर्ण उत्पादों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक और आर्थिक ताकत का प्रदर्शन किया है।
यह मेला उत्तराखंड के लिए न केवल एक प्रदर्शनी का मंच है, बल्कि नए व्यापारिक अवसरों को तलाशने और राज्य के उत्पादों को वैश्विक बाजार में आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। राज्य सरकार के लगातार प्रयास और निजी उद्यमियों की मेहनत से उत्तराखंड का विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो रहा है, जो इस मेले में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी से भी इस प्रदर्शनी को सफलता मिली है।